लोकतंत्र इतिहास लिख रहा।
युवा वर्ग का दौर दिख रहा।
राजनीति ले रही करवटें ,
सबके माथे पर हैं सिलवटें।
सभी दलों के होश उड़ रहे,
एक-दूजे पर दोष मढ़ रहे।
परिवर्तन की आँधी के आगे ,
महाबली भी नहीं टिक रहा।
लोकतंत्र ---------------------.
जनता की अब आँख खुल गयी ,
नेताओं की पोल खुल गयी।
झूठे वादे नहीं चलेंगे ,
वोट नोट से नहीं बनेंगे।
जनता के दरबार में आकर ,
हर नेता अब नाक घिस रहा।
लोकतंत्र -----------------------.
'रामराज' गाँधी का सपना,
आओ करें साकार कल्पना।
भारत की गरिमा लौटायें ,
'वन्दे मातरम 'हम सब गायें।
लोकतंत्र के महाललाट पर ,
मतदाता फिर भाग्य लिख रहा।
लोकतंत्र इतिहास लिख रहा।
युवा वर्ग का दौर दिख रहा।
-------------------------------------
सम्पादक महोदय ,
' जाग उठा जनतंत्र 'शीर्षक हेतु रचना प्रकाशन के विचार के लिए प्रेषित है।
उत्तर की प्रतीक्षा में -
देवेन्द्र पाल भटनागर ,
सैक्टर -3 ,मकान संख्या -248 /2 floor ,
वसुन्धरा ,गाजियाबाद। (उ.प्र.)
पिन -201012
युवा वर्ग का दौर दिख रहा।
राजनीति ले रही करवटें ,
सबके माथे पर हैं सिलवटें।
सभी दलों के होश उड़ रहे,
एक-दूजे पर दोष मढ़ रहे।
परिवर्तन की आँधी के आगे ,
महाबली भी नहीं टिक रहा।
लोकतंत्र ---------------------.
जनता की अब आँख खुल गयी ,
नेताओं की पोल खुल गयी।
झूठे वादे नहीं चलेंगे ,
वोट नोट से नहीं बनेंगे।
जनता के दरबार में आकर ,
हर नेता अब नाक घिस रहा।
लोकतंत्र -----------------------.
'रामराज' गाँधी का सपना,
आओ करें साकार कल्पना।
भारत की गरिमा लौटायें ,
'वन्दे मातरम 'हम सब गायें।
लोकतंत्र के महाललाट पर ,
मतदाता फिर भाग्य लिख रहा।
लोकतंत्र इतिहास लिख रहा।
युवा वर्ग का दौर दिख रहा।
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सम्पादक महोदय ,
' जाग उठा जनतंत्र 'शीर्षक हेतु रचना प्रकाशन के विचार के लिए प्रेषित है।
उत्तर की प्रतीक्षा में -
देवेन्द्र पाल भटनागर ,
सैक्टर -3 ,मकान संख्या -248 /2 floor ,
वसुन्धरा ,गाजियाबाद। (उ.प्र.)
पिन -201012
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