Thursday 22 December 2011

"आओ नया साल ऐसे मनायें"

आओ नया साल ऐसे मनायें ,
रोतों को हँसाएँ,गिरतों को उठायें.
मुहब्बत का अद्भुत दीपक जलायें,
घृणा का अँधेरा दिलों से मिटायें .
आओ.....................
हर तन को कपडा,जन-जन को भोजन,
रहने को सबको कोई घर दिलायें.
आँखों में आँसू को आश्रय मिले न ,
खुशियों से भरपूर जीवन बितायें.
आओ.......................
आक्रोश में हम न आयें हमेशा ,
सहने की शक्ति को हम सब बढायें.
झगड़ों से कभी कुछ हासिल न होता,
अमन का मधुर गीत हम गुनगुनायें.
आओ.......................
समस्या का हल, कोई समस्या नहीं है, 
मिल बैठ कर हर ग्रन्थि सुलझायें.
थोड़ा लिखे को समझना तुम ज्यादा,
समझदार हैं सब हम क्या समझायें.
आओ, नया साल ऐसे मनायें, 
रोतों को हँसाएँ ,गिरतों को उठायें.
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